#खुद_को_सिख_कहने_वाले_यह_अवश्य_पढ़ें
जहांगीर का एक बेटा था खुसरो , अकबर के बाद अकबर इसे ही अपना उत्तराधिकारी भी बनाना चाहता था, क्यो की यह हिन्दुओ के लिए क्रूर था, जहांगीर की तरह नशेबाज नही था । लेकिन मानसिंहः में बुद्धि का प्रयोग करते हुए जहांगीर के लिए राह आसान कर दी, की यह कमजोर शाशक बैठेगा, तो हिन्दुओ के लिए जीना , ओर प्रगति करना थोड़ा आसान हो गया ।
खुसरो ओर जहांगीर बाप बेटे आपस मे गाली-गलौज करते थे । उसने जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, कुछ मुस्लिम सेनापति भी उसके साथ हो लिए ।
विद्रोह के बाद वह भागकर पंजाब चला गया । लाहौर के शाशक ने उसके नगर-प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया । तीन सप्ताह के भीतर ही खुसरो पकड़ा गया । उसे जंजीरों में बांधकर जहांगीर के समक्ष लाया गया ।
इसमे वीर हिन्दू शिष्य सेना ( जिन्हें आज सिख कहकर हिन्दुओ से अलग कर दिया गया है ) के नेता अर्जुन देव को इस बहाने पकड़ लिया गया कि उन्होंने खुसरो के विद्रोह को उभारा है । गुरु की संपत्ति तथा कटार छीनकर उन पर जुर्माना लगा दिया गया ।
उन्हें आदेश दिया गया कि अपने पवित्र ग्रँथ जिसमे हिन्दुओ के भी बहुत श्लोक ओर भजन है, उन्हें निकाल दिया जाए । हिन्दुओ की रक्षार्थ का वचन देने वाले अर्जुन सिंहः ने जुर्माना देने, ओर हिन्दू श्लोकों को हटाने से साफ मना कर दिया ।
जून 1606 में वीर अर्जुन देव सिंह को लाहौर के लाबी तट पर भरी गर्मी में गर्म मिट्टी ने आधा जिस्म बुर दिया । तब भी प्राण उन्होंने नही त्यागे तो ड्रम में नीचे आग लगाकर उबले पानी मे उन्हें डुबोकर अर्जुन देव सिंह को उबालकर उनकी हत्या कर दी ।
अर्जुन देव सिंहः ने कभी खुद को सिख नही कहा था, उन्होंने खुद को हिन्दू ही कहा । अपने गुरुओ के यह आज के सिख नही है । यह मल्लेछ है, जो अपने गुरु पर , अपने लोगो पर अत्याचार करने वालो के साथ खड़े होकर हिन्दुओ से शत्रुता का भाव रखते है ।
No comments:
Post a Comment