सनातन ही एक मात्र धर्म

भगवान जब धर्म कि जब स्थापना करते है कोई और धर्म नही रहता |
=> राम के समय मे राम को छोडकर किसी कि पूजा नही होती थी |
=> कृष्ण के समय मे सिर्फ कृष्ण कि पूजा होती थी |
=> कृष्ण के बाद कोई अवतार नही हुआ |
 => भगवान कल्कि के समय मे सिर्फ कल्कि कि पूजा होगी और सत्ययुग कि स्थापना होगी |
=> ॐ ,नारायण, हरि , भगवान राम और कृष्ण का जप प्रकृति और सम्पूर्ण सृष्टी करती है |
=> धर्म इंसान जानवर पक्षी जीव निर्जीव ज़ड़ चेतन सब पर लागु होता है |
=> पेड़ पौधे पर्वत झील नदी समुद्र सब भगवान का नाम जपते है
=> सनातन धर्म सब मे व्याप्त है और सबके लिये नियम है
=> सनातन धर्म सिर्फ प्राणी मात्र नही वरन ज़ड़ और चेतन के कल्याण उद्धार और मोक्ष का मार्ग है
=> मानव निर्मित संप्रदाय समुह सिर्फ उसको मानने वाले पर लागु होता है संविधान कानुन बनाने वाला मनुष्य होता है
=> संप्रदाय में मनुष्य छोड़कर किसी जीव का कोई स्थान नही होता है
=> धर्म केवल एक है और वो  है सनातन | सनातन ही प्राकृत है प्राकृत ही सनातन है | जिसका कोई जनक नही है बल्कि सनातन ही सबका जनक है| 
=> संप्रदाय सुरु करने वाले इंसान थे इस लिए इन सभी को सम्प्रदाय या समुदाय कह सकते है पर धर्म नही पर लोग उसे धर्म का दर्जा दे तो उनकी मर्जी ।पर कोई बताए कि सनातन सुरु करने वाले कौन थे | 
=> बुद्ध के समय हिन्दू है
=> महावीर के समय हिन्दू है
=> मोह मद के समय हिन्दू है
=> इशा के समय हिन्दू है
=> काबीर के समय हिन्दू है
=> नानक के समय हिन्दू है
=> कार्ल मार्क्स के समय हिन्दू है
=> शाई के समय हिन्दू है
=> रामपाल के समय हिन्दू है
=> राम रहीम के समय हिन्दू है
=> द्वापर के अंत में भगवान श्री कृष्ण अवतरित हुए |
=> कलियुग के तीन चरण में कोई अवतार नहीं होगा | संत और ढोंगी आएंगे |
=> कल्कि भगवान कलियुग के अंत यानि चौथे चरण में आएंगे
 => भगवान कल्कि के समय मे सिर्फ कल्कि कि पूजा होगी |
इससे कह् सकते है कि हिन्दू हि एक मात्र धर्म है ज़िसे कोई भी विचार संप्रदाय नष्ट नही कर सका

=== सच्ची लेकिन कड़वी बातें ===

* सनातन विस्व मे एक मात्र धर्म है | बाकि सब समुदाय, समुह , सँगठन है |
* श्री कृष्ण के बाद कल्कि भगवान आयेंगे | इस अंतराल मे संत अवतरीत होंगे जैसे तुलसीदास सुर दास विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस मीरा चैतन्य महाप्रभू रविदास शंकराचार्य इत्यादी |
* कलियुग में बहुत सारे मायावी प्रेत राक्षस इत्यादि चमत्कार दिखा कर सम्प्रदाय की स्थापना करेंगे
* जो भी भगवान बनने का ढ़ोंग करेगा उसकी मौत बड़ी दुखदायी होगा और महाप्रेत बनेगा और कलियूग के अंत तक भटकेंगे | उसकी मुक्ती भगवान कलकि ही कर सकते है |
* खुद को भगवान घोषित करना श्री सत्यनाराण श्री मननारायण को चुनौती देना है |
* जिसका परिणाम हिरण्याक्ष हिरण्यकश्य्प रावण कंस बलि के अंत से समझ सकते है |
* कृष्ण के बाद जितने भी संप्रदाय है सब के आराध्य को अाप महाप्रेत समझ सकते हो ज़िसकी आराधना से दूर्गति हि होगा |
* ये सारे समुदाय कलियूग के प्रभाव से भटक गए है और महाप्रेत कि उपासना करते है |
* खुद को भगवान बोलनेवाले जीव महाकष्ट सहते है |
* जो संप्रदाय जो नारायण राम कृष्ण हरि को छोड़ महाप्रेत को भजते है वो भी महाप्रेत कि गति पाते है |
* कलियूग मे जीव को केवल हरि नाम जपने से हि सदगति मिलति है
वंदे कृष्णम जगत गुरु


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