#मक्का_का_काबा_जग्गनाथ_मन्दिर
पूरी के जगन्नाथ मंदिर का ध्वज आपने अगर देखा हो, तो वही अर्धचंद्रमा ओर तारो का ध्वज है, लेकिन यह भगवावस्त्र पर रेखांकित है। ऐसा ही एक जग्गनाथ मंदिर सऊदी अरब में था, जिसे आज काबा कहते है ।
सऊदी अरब ने यह भंडा फुट जाने के डर से चांद तारो वाले ध्वज को ही हटा दिया, ओर उन चांद तारो को भी मानने से इनकार कर दिया ।। उसकी जगह तलवार के निशान पर अरबी में लिखा कुछ उटपटांग वह लोग मानने लगे । आज भी आप देखिए, सऊदी अरब के झंडे पर कहीं चांद सितारे नही है ।
लेकिन इतिहास आपका पीछा नही छोड़ता ! जिन्हें आप तुर्क ओर मंगोल कहते है, वह जगन्नाथ के ही भक्त थे, अपनी भाषा मे इसे वह " टेंगड़ी " कहते थे । जिसके मतलब होता है " धरती का राजा " । और जगन्नाथ का अर्थ भी होता है " धरती का राजा ।। उन्ही तुर्को की बड़ी श्रद्धा इस ध्वज पर थी ।
100 साल मुस्लिमो से लड़कर इस्लाम कबूल करने वाले तुर्को ने इस्लाम को कबूल किया, लेकिन कभी अपने जगन्नाथ को नही भूल पाए, आज भी तुर्की के राष्ट्रीय ध्वज पर वही जगन्नाथ का प्रतीक चिन्ह " चांद ओर सितारे " है ।
भारत पर भी विजय इन्ही तुर्को ने प्राप्त की थी, ना कि अरबी मुसलमानो ने, इसी कारण पाकिस्तान के झंडे पर भी वह जगन्नाथ का प्रतीक चांद सितारे आज भी है । और भारत के मुसलमान भी आज वही चांद सितारे मानते है । इसका एक प्रबल उदारहण यह भी है, की चंगेज खान ( हिन्दू ) ने पूरी दुनिया मे ढूंढ ढूंढ कर मुल्लो का नाश किया , लेकिन भारत पर हमला नही किया, उसने बोद्ध देश चीन को भी नही छोड़ा, वहां भी खूब बोद्ध उसने काटे, लेकिन भारत की तरफ कभी कोई आक्रमण उसने नही किया, क्यो की उसे अपने हिन्दू भाइयो से अथाह प्रेम था ।जिस पर बड़ा काला पर्दा पड़ा है, वहां शिव लिंग भी है। वहां विष्णु मूर्ति इसके अलावा 369 मुर्तिया और थी |
अभी गूगल करें,ओर जगन्नाथ का ध्वज देखे ।
और वहां शिव लिंग भी था, जो अब भी है। इसके अलावा 369 मुर्तिया ओर थी
पूरी के जगन्नाथ मंदिर का ध्वज आपने अगर देखा हो, तो वही अर्धचंद्रमा ओर तारो का ध्वज है, लेकिन यह भगवावस्त्र पर रेखांकित है। ऐसा ही एक जग्गनाथ मंदिर सऊदी अरब में था, जिसे आज काबा कहते है ।
सऊदी अरब ने यह भंडा फुट जाने के डर से चांद तारो वाले ध्वज को ही हटा दिया, ओर उन चांद तारो को भी मानने से इनकार कर दिया ।। उसकी जगह तलवार के निशान पर अरबी में लिखा कुछ उटपटांग वह लोग मानने लगे । आज भी आप देखिए, सऊदी अरब के झंडे पर कहीं चांद सितारे नही है ।
लेकिन इतिहास आपका पीछा नही छोड़ता ! जिन्हें आप तुर्क ओर मंगोल कहते है, वह जगन्नाथ के ही भक्त थे, अपनी भाषा मे इसे वह " टेंगड़ी " कहते थे । जिसके मतलब होता है " धरती का राजा " । और जगन्नाथ का अर्थ भी होता है " धरती का राजा ।। उन्ही तुर्को की बड़ी श्रद्धा इस ध्वज पर थी ।
100 साल मुस्लिमो से लड़कर इस्लाम कबूल करने वाले तुर्को ने इस्लाम को कबूल किया, लेकिन कभी अपने जगन्नाथ को नही भूल पाए, आज भी तुर्की के राष्ट्रीय ध्वज पर वही जगन्नाथ का प्रतीक चिन्ह " चांद ओर सितारे " है ।
भारत पर भी विजय इन्ही तुर्को ने प्राप्त की थी, ना कि अरबी मुसलमानो ने, इसी कारण पाकिस्तान के झंडे पर भी वह जगन्नाथ का प्रतीक चांद सितारे आज भी है । और भारत के मुसलमान भी आज वही चांद सितारे मानते है । इसका एक प्रबल उदारहण यह भी है, की चंगेज खान ( हिन्दू ) ने पूरी दुनिया मे ढूंढ ढूंढ कर मुल्लो का नाश किया , लेकिन भारत पर हमला नही किया, उसने बोद्ध देश चीन को भी नही छोड़ा, वहां भी खूब बोद्ध उसने काटे, लेकिन भारत की तरफ कभी कोई आक्रमण उसने नही किया, क्यो की उसे अपने हिन्दू भाइयो से अथाह प्रेम था ।जिस पर बड़ा काला पर्दा पड़ा है, वहां शिव लिंग भी है। वहां विष्णु मूर्ति इसके अलावा 369 मुर्तिया और थी |
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और वहां शिव लिंग भी था, जो अब भी है। इसके अलावा 369 मुर्तिया ओर थी
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