Sunday, 23 July 2017

भीमटा अमर्यादिक ग्रुप खतरे का संकेत तो नहीं

अरे ओ "भीमटावादी धर्मपरिवर्तन वाले समूह" वाले कटुवे वामिये जरा गौर से सुनो |
हमारे बिहार में हनुमान जी के मंदिर में ५० % से अधिक दलित पुजारी ही है | जिसे सब पैर छुके आशीर्वाद लेते है | ये दलित पंडित शुद्ध खाना खाते है | जिसके यहाँ से निमंत्रण आता है शुद्ध खाना ही खाते है | सात्विकता और संयम का ध्यान रखते है | ये सब को आशिरवाद देते है | प्रसाद देते है ये नहीं पूछते तुम किस जाती के हो |
एक बात तो भूल गया दो तिहाई मंदिर में पहलवान है | जो बजरंगबली की पूजा करते है | अगर तूने उल्टा सीधा बोला तो वही धोबी पता पढ़ा देंगे | कोई ज़ाकिर नायक का बाप भी नहीं बचाएगा | नदी से लेकर गांव | सड़क से लेकर घर तक | मंदिर से आंगन तक तुझे के श्री राम और बजरंग भक्त मिलेंगे | तेरी सब हेकड़ी और ज़ाकिर ज्ञान बाहर कर देंगे |
कुछ तथाकथित दलित चिंतकों (असल में वेटिकन के गुर्गे) का सदा से आरोप रहता है कि मंदिरों में दलितों के साथ भेदभाव किया जाता है, उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं मिलता. हालाँकि यह बात पहले ही सिद्ध हो चुकी है कि यह केवल दुष्प्रचार भर है, क्योंकि देश के हज़ारों मंदिरों में से इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी भी मंदिर में घुसते समय, किसी से उसकी जाति नहीं पूछी जाती है.
मन्दिर में ऐसा कोई रजिस्टर या रसीद नहीं होती, जिसमें मंदिर में घुसते समय व्यक्ति का नाम अथवा जाति लिखनी पड़ती हो. यह तथ्य है कि मंदिरों में कोई भी आ-जा सकता है. परन्तु अब इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए देश के कई राज्यों में यह प्रयास शुरू हो गए हैं कि दलितों को मंदिरों में पुजारी भी नियुक्त किया जाए, और ऐसे प्रयास धीरे-धीरे सफल भी होने लगे हैं. इस आन्दोलन के आगे बढ़ने पर “दल-हित” चिंतकों का दूसरा नकली आरोप भी ध्वस्त हो जाएगा कि मंदिरों पर केवल ब्राह्मणों का एकाधिकार है (जबकि वास्तविकता यह है कि देश के अधिकाँश मंदिरों से होने वाली आय पर सम्बंधित राज्य सरकार का नियंत्रण होता है, ब्राह्मणों या पुजारी का नहीं). ऐसे कई दलित पुजारियों की श्रृंखला में से एक उदाहरण आज आपके सामने पेश किया जा रहा है. यह है पटना का “महावीर हनुमान मंदिर”.
भगोड़ा ज़ाकिर नायक की कट्टरपंथ धर्मपरिवर्तन संस्था पर प्रतिबन्ध के बाद धर्मपरिवर्तन का खेल पर रोक लगी | इससे भारत पाकिस्तान अरब में बैठे धर्मपरिवर्तन कराने वाले संस्था को हताशा हाथ लगी | इसलिए ये संगठन अब एक नए हथियार के रूप में फिर से इक्क्ठे हो गए है | इन धर्मपरिवर्तन समूह ने "बौद्ध भीमटावादी मनु ब्राह्मण " इत्यादि हिन्दू विभाजनकारी मंशा है | इस धर्मपरिवर्तन समूह ने अभी हिन्दू की रणनीति के तहत सबसे पहले " दलित हिन्दू " को निशाने पर लिया है | कुछ वामपंथी और सेक्युलर राजनितिक संगठन का इस धर्मपरिवर्तन समूह (भीमटावादी धर्मपरिवर्तन समूह) का समर्थन प्राप्त है | ये ज़ाकिर नायक के वेद हिन्दू विरोधी झूठी काल्पनिक बातों से ब्रैनवॉश कर युवा का धर्म परिवर्तन करवाते है |



---:भीमटावादी धर्मपरिवर्तन समूह की रोचक बातें :---
नायक :--अफजल गुरु, गजनवी, बाबर,मुग़ल लूटेरे
विषय :-- मुसलिम धर्म की महत्ता और ज्ञान
आराध्य :-- ओवैसी, इमरान मसूद, आजमखान, हाजी
वेद व्यास :-- जाकिर नायक
बुद्धत्व ज्ञान:-- "दलित हिन्दू " आंदोलन करो और धर्म परिवर्तन करो |
प्रवक्ता :-- जाकिर नायक प्रेरित गुर्गे
तथ्य :-- देश, महापुरुष ,भगवान्, वेद हिन्दू धर्म विरोधी झूठे काल्पनिक आधारित दस्तावेज
विरोध पक्ष : मनुवाद, ब्राह्मणवाद , संघवाद, मोदीवाद, हिन्दू
मक्का :--JNU
धरमसार :-- बौद्ध धर्म + २२ हिन्दू विरोधी वामपंथी प्रतिज्ञा + जाकिर नायक का वेद ज्ञान
कर्म :-- मोदी आरएसएस हिन्दू को गाली देवी देवता का अपमान
उद्देश्य :-- सारे दलित को मुस्लमान बनाना
मन्त्र :-- सेक्युलर वामपंथी जीताय नमः | मोदी हराय नमः
गुरु :--पंक्चर और सलून वाले बुद्धिजीवी और छुटभैये मुल्ले
सदस्य : सड़क कॉलेज मोहल्ला में निक्क्मे लोग
पाठशाला :--- मस्जिद (वेद ज्ञान आश्रम )
योग्यता :--- निक्कमापन हर समस्या के लिए मोदी जिम्मेवार
प्रेमी देश :--पाक अरब अब तो चीन वालो को भी हमदर्दी है
जन्म :-- उत्तरप्रदेश इलेक्शन काल बिहार इलेक्शन में असहिष्णुता हुई थी
उपयोगिता : -- गुजरात राजस्थान इलेक्शन
अंत : लोकसभा इलेक्शन २०१९ में होगा
ये भीमटा धर्म का सम्पूर्ण जीवन सार है |
निष्कर्ष : "भीमटावादी धर्मपरिवर्तन समूह" एक अलोकतांत्रिक अवैध धर्मपरिवर्तन समूह है ::::
भीमटावादी धर्मपरिवर्तन समूह सभ्य समाज के लिए कलंक है|
भीमटा धर्म कहते है| इनके माने वाले खुद को भीमटा कहते है |
भीमटा कहते है बुद्ध ही सत्य है वैज्ञानिक धर्म है यहाँ का मूल धर्म है। लेकिन इन बातो का कोई ठोस आधार नही है ।ये बाते सिर्फ तर्को से ही खण्डित हो जाती है।और अगर ये बाते सत्य थी तो इनमे को वामपंथियो विचारधारा की 22 प्रतिज्ञा और जाकिर नायक का वेद ज्ञान की जोड़ने की क्या आवश्यकता थी।।











क्या भीमटावाद ( छद्म कट्टर शांतिदूतो) ऐसा अमर्यादिक ग्रुप खतरे का संकेत तो नहीं ?




हिन्दू ह्रदय सम्राट "दलित हिन्दू" का राष्ट्रपति होना भारत के लिए गर्व का विषय है |

इससे पाकिस्तानी चीनी अरब देश से "दलित हिन्दू " प्यार उभर आया है | पाकिस्तानी मीडिया का ग्रुप रोज हिन्दू दलितों पर हो रहे अन्याय पर रो रहा है | पाकिस्तान का ऐसा प्यार पाक मुल्क से जो प्यार "हिन्दू दलितों " पर हिलकोरे मार रहा है | इतना प्यार कभी नहीं था | सारे वामपंथी चिंतक दिन रात दलितों पर अतयाचार को उजागर कर रहे है | बौद्ध धर्म + २२ वामपंथी प्रतिज्ञा + ज़ाकिर का वेद ज्ञान + मानवाधिकार का समूह का रकम | हिन्दू दलित के उत्थान के लिए "हिन्दू दलित" का धर्म परिवर्तन के लिए विशेष अभियान ऐसा सराहनीय कदम के लिए देश विदेश से वामपंथी संगठन का आना और हिन्दू विरोधी जहर घोलना क्या इसरा करता है| आप सोशल मीडिया देखो उसमे एक ही ज्ञान मिलेगा की " दलित हिन्दू " आंदोलन करो और धर्म परिवर्तन करो |




क्या एक सभ्य लोकतान्त्रिक समाज और देश में भीमटा जैसा अमर्यादिक ग्रुप जिसका उद्देश्य केवल राजनितिक और समाज में द्वेष फैलाना है | जो सिर्फ हिन्दू देवी देवता को गाली देता हो और सिर्फ समाज में जहर घोलता हो | फेसबुक पर हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर घोलता है | देवी देवता का अपमान और अमर्यादित बातें करता है | मायावती इमरान मसूद हाजी इक़बाल सिर्फ वोट बैंक के लिए जिसका उपयोग करता है |

अगर किसी दल को राजनीती करनी है | जनता में जाये और काम करे | सिर्फ और सिर्फ नफरत की जहर समाज में घोलना | हिन्दू धर्म को अपमानित कर वोट की रोटी सेकना कहा तक जायज है | वोट के लिए हमने नरेश अग्रवाल को भगवान् राम का अपमान करते सुना | हर जगह वोट के लिए या नफरत के लिए हिन्दू धर्म पर चोट करना कहाँ तक जायज है | ये उग्र समूह हर जगह चौराहे पर मनुवाद ब्राह्मणवाद इत्यादि चिल्लाते है | सोशल मीडिया पर हिन्दू को गाली देते है | ये समूह आज घाव नासूर बन गया है कैंसर बनते देर नहीं लगेगी | इसका इलाज सामाजिक संगठन और राजनितिक संघठन को करना होगा |




देवी देवता और हिन्दू धर्म का अपमान करने का हक़ इस भीमटावादी छद्म कट्टर शांतिदूतो को किसने दिया |


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